A U Shaikh (Part II) (M-20)
Remembering RBI days. We have seen all sorts of things during 30-40 years at various depts/centres.
(Typed and sent from mobile phone. There may be mistakes).
बीते दिन
याद आते हैं वो हसीन लम्हे फिर से
बीते दिनों के प्यारे नज़ारे फिर से
हर तर्फ़ फिज़ा में अरमानों का छा जाना
फूलों का वो हसीन सा गुलशन बसा जाना
जवान धड़कता दिल क्यों न किसी पे आता
सारा माहोल रहता ख़ुशी से महकाता
उन की आहट जब भी सुनाई देती
धडकनें रुक जातीं ख़ुशी अंगड़ाई लेती
जब भी मिलते आँखों में बात हो जाती
निगाहों में हसीन मुलाक़ात हो जाती
सभी थे दोस्त हमारे हम जिधर जाते
हर कोई चाहने वाला था हम जि धर जाते
अब भी वही उलफ़त व रंगत है हर तरफ़
दोस्तो तुम्हारा प्यार व चाहत है हर तरफ़
Remembering RBI days. We have seen all sorts of things during 30-40 years at various depts/centres.
(Typed and sent from mobile phone. There may be mistakes).
बीते दिन
याद आते हैं वो हसीन लम्हे फिर से
बीते दिनों के प्यारे नज़ारे फिर से
हर तर्फ़ फिज़ा में अरमानों का छा जाना
फूलों का वो हसीन सा गुलशन बसा जाना
जवान धड़कता दिल क्यों न किसी पे आता
सारा माहोल रहता ख़ुशी से महकाता
उन की आहट जब भी सुनाई देती
धडकनें रुक जातीं ख़ुशी अंगड़ाई लेती
जब भी मिलते आँखों में बात हो जाती
निगाहों में हसीन मुलाक़ात हो जाती
सभी थे दोस्त हमारे हम जिधर जाते
हर कोई चाहने वाला था हम जि धर जाते
अब भी वही उलफ़त व रंगत है हर तरफ़
दोस्तो तुम्हारा प्यार व चाहत है हर तरफ़
- 10/10/13
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