Kiran Jhamb (M-437)
A message received from my What's App friend
ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् । अर्थात ॐ
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,
"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानीए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानीए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...
1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
किरण झांब
एम —437
एम —437
23/05/15
जिंदगी की कीमत ।
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।
2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।
3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
इंसान के अंदर जो समा जायें वो
" स्वाभिमान "
और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "
" स्वाभिमान "
और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "
✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो
परमात्मा का धन्यवाद ,
क्योंकि कुछ लोग
इन लम्हों को तरसते हैं ।
परमात्मा का धन्यवाद ,
क्योंकि कुछ लोग
इन लम्हों को तरसते हैं ।
✔जब भी अपने काम पर जाओ
तो परमात्मा का धन्यवाद करो
क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।
तो परमात्मा का धन्यवाद करो
क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।
✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
रखते हैं ।
जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
रखते हैं ।
✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
कि तुम जिन्दा हो ,
क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
जिंदगी की कीमत ।
कि तुम जिन्दा हो ,
क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
जिंदगी की कीमत ।
किरण झांब
एम —437
17/05/15
एक कविता —बुरा न मान ो जरा सी पी है
पीने वालों को पीने की होती है आदत
केवल जाम से ही है उनको मुहब्बत
खुशी है तो कहते हैं कि मनाऊंगा खुशी
गम में कहें पी नहीं तो कर लूंगा खुदकुशी
केवल जाम से ही है उनको मुहब्बत
खुशी है तो कहते हैं कि मनाऊंगा खुशी
गम में कहें पी नहीं तो कर लूंगा खुदकुशी
खुशी में पी तो कहा कि सरुर आ गया
नशे में झूमने का मजा जरूर आ गया
शुक्र खुदा का किसी ने बनाई शराब
गर यह न होती तो होता मजा खराब
शुक्र खुदा का किसी ने बनाई शराब
गर यह न होती तो होता मजा खराब
जीवन की गाङी जरा डगमगाई
तो भी लेकर जाम दी यह सफाई
यारो नहीं है मुझे पीने की आदत
जरा सी पीकर किया गम गफलत
तो भी लेकर जाम दी यह सफाई
यारो नहीं है मुझे पीने की आदत
जरा सी पीकर किया गम गफलत
अब तो समय ऐसा आ गया है कि
बीवियों को भी पिलाने लगे हैं
खुद को तो क्या संभालना था
पिलाकर यह उन्हे भी गिराने लगे हैं
बीवियों को भी पिलाने लगे हैं
खुद को तो क्या संभालना था
पिलाकर यह उन्हे भी गिराने लगे हैं
किरन झांब
एम —437
एम —437
05/05/15
I want to share the following received from my friend. Have a Nice Day
एक बार इंसान ने कोयल से कहा
"तूं काली ना होती तो
कितनी अच्छी होती"
सागर से कहा:-
"तेरा पानी खारा ना होता तो
कितना अच्छा होता"
"तूं काली ना होती तो
कितनी अच्छी होती"
सागर से कहा:-
"तेरा पानी खारा ना होता तो
कितना अच्छा होता"
गुलाब से कहा:-
"तुझमें काँटे ना होते तो
कितना अच्छा होता"
"तुझमें काँटे ना होते तो
कितना अच्छा होता"
तब तीनों एक साथ बोले:-
"हे इंसान अगर तुझमें
दुसरो की कमियाँ देखने की आदत
ना होती तो तूं कितना अच्छा होता"
"हे इंसान अगर तुझमें
दुसरो की कमियाँ देखने की आदत
ना होती तो तूं कितना अच्छा होता"
किरण झांब
एम —437
एम —437
04/04/15
I want to share a poem with the esteemed members of our group received from my friend. Last stanza added by me.
On the occasion of Republic Day 26th Jan, 2015
On the occasion of Republic Day 26th Jan, 2015
घुट घुट कर सब जीते आये, भूल गये आजादी को !
लाल किले से दो संदेशा, भारत की आबादी को !!
लाल किले से दो संदेशा, भारत की आबादी को !!
आजादी का असली मतलब, याद दिला दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
आज भी मेरे देश के बच्चे, भूखे ही सो जाते हैं !
माँ का झूठा दिलासा लेकर, सपनों में खो जाते हैं !!
माँ का झूठा दिलासा लेकर, सपनों में खो जाते हैं !!
हर बच्चे को भोजन का, अधिकार दिला दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
आरक्षण का जाल बिछा है, जीवन में हर मोड़ यहाँ !
लंगड़ा लूला दौड़ रहा है, ओलम्पिक की दौड़ यहाँ !!
लंगड़ा लूला दौड़ रहा है, ओलम्पिक की दौड़ यहाँ !!
सच्चे हुनर को दुनिया में, पहचान दिला दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
मातृभाषा है हिंदी हमारी, तरस रही पहचान को !
सबने मिलकर कर डाला है, इंडिया हिंदुस्तान को !!
सबने मिलकर कर डाला है, इंडिया हिंदुस्तान को !!
हर कोने में हिंदी को, अनिवार्य बना दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
फ़ैक्टरियों से निकला मलबा, नदियों में जा मिलता है !
लाखों लोगों का जनजीवन, उसी पानी से चलता है !!
लाखों लोगों का जनजीवन, उसी पानी से चलता है !!
नदियों को गंगा सी निर्मल, फ़िर से बना दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
सदियों पहले देश हमारा, विश्वगुरू कहलाता था !
गैर मुल्क से पढ़ने युवा, मेरे वतन में आता था !!
गैर मुल्क से पढ़ने युवा, मेरे वतन में आता था !!
भारत को फ़िर से उसका, सम्मान दिला दो मोदी जी !
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
26 जनवरी पर भारत को, गणतंत्र बना दो मोदी जी !!
इस देश में कई बेटियों को दुनिया में आने नहीं दिया जाता
कईयों के साथ कुकर्म करके जीते जी मार दिया जाता
कङ़ी से कङ़ी सजा मिले कि यह सब कोई कर न पाये
ऐसा कोई कानून बनाकर, गणतंत्र बनादो मोदी जी
कईयों के साथ कुकर्म करके जीते जी मार दिया जाता
कङ़ी से कङ़ी सजा मिले कि यह सब कोई कर न पाये
ऐसा कोई कानून बनाकर, गणतंत्र बनादो मोदी जी
।। वंदे मातरम् ।।
।। वंदे भारतम् ।।
।। जय माँ भारती ।।
।। वंदे भारतम् ।।
।। जय माँ भारती ।।
Kiran Jhamb
M - 437
M - 437
26/01/15
"मेरा जीवन एक खुली किताब "
मेरा जीवन एक खुली किताब
न कोई हिसाब न कोई किताब
न कोई गुणा न कोई तकसीम
न कोई जमा न कोई घटाव
मेरा जीवन एक खुली किताब
न कोई हिसाब न कोई किताब
न कोई गुणा न कोई तकसीम
न कोई जमा न कोई घटाव
मेरा जीवन एक खुली किताब
देखी न सच में झूठ की मिलावट
न कोई सजावट न कोई बनावट
जो कुछ भीतर वही है बाहर
न कोई फरेब न कोई आडंबर
बस ऐसे ही अपने जज्बात
मेरा जीवन एक खुली किताब
न कोई सजावट न कोई बनावट
जो कुछ भीतर वही है बाहर
न कोई फरेब न कोई आडंबर
बस ऐसे ही अपने जज्बात
मेरा जीवन एक खुली किताब
संतोष हुआ प्रभु से जो भी मिला
न कोई शिकवा न कोई गिला
सनमति का मार्ग मिलता जाये
ऐसे ही जीवन चलता जाये
चाहिए न ओहदा कोई खिताब
मेरा जीवन एक खुली किताब
न कोई शिकवा न कोई गिला
सनमति का मार्ग मिलता जाये
ऐसे ही जीवन चलता जाये
चाहिए न ओहदा कोई खिताब
मेरा जीवन एक खुली किताब
किरण झांब
एम —437
एम —437
20/01/15
" वक़्त नहीं "
हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में,
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं.
पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं.
दिन रात दौड़ती दुनिया में,
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं.
ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं.
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं ..
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं ..
सारे नाम मोबाइल में हैं ,
पर दोस्तों के लिये वक़्त नहीं .
पर दोस्तों के लिये वक़्त नहीं .
गैरों की क्या बात करें ,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं.
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं.
आखों में है नींद भरी ,
पर सोने का वक़्त नहीं .
पर सोने का वक़्त नहीं .
दिल है ग़मो से भरा हुआ ,
पर रोने का भी वक़्त नहीं .
पर रोने का भी वक़्त नहीं .
पैसों की दौड़ में ऐसे दौड़े,
कि थकने का भी वक़्त नहीं .
कि थकने का भी वक़्त नहीं .
पराये एहसानों की क्या कद्र करें ,
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं
जब अपनों के लिये ही वक़्त नहीं
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी ,
इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं.
इस ज़िन्दगी का क्या होगा,
कि हर पल मरने वालों को ,
जीने के लिये भी वक़्त नहीं.
किरण झांब
29/12/14
कितने हीरे भरे पड़े हैं हमारे ग्रुप में
मेलज़ पढ़ती हूँ तो होती हूँ हैरान
कितने हीरे भरे पड़े हैं हमारे ग्रुप में
एक से बढ़कर एक हैं सभी
कोई धर्म तो कोई कर्म का बोध कराये
कोई व्यायाम तो कोई खानपान
के फायदे बतलाये
कोई पेंशन अपडेटशन व कोई
ब्लाग अपने दर्शाये
कोई फूलों की सुगंध बिखेरे
कोई दुनिया भर की सैर कराये
गोरिया जी अाप को विशेष सलाम
जन्म दिन की लिस्ट बताकर
Happy Birthday to you
कहला कर clapping करवायें
कितने हीरे भरे पड़े हैं हमारे ग्रुप में
एक से बढ़कर एक हैं सभी
कोई धर्म तो कोई कर्म का बोध कराये
कोई व्यायाम तो कोई खानपान
के फायदे बतलाये
कोई पेंशन अपडेटशन व कोई
ब्लाग अपने दर्शाये
कोई फूलों की सुगंध बिखेरे
कोई दुनिया भर की सैर कराये
गोरिया जी अाप को विशेष सलाम
जन्म दिन की लिस्ट बताकर
Happy Birthday to you
कहला कर clapping करवायें
किरण झांब
एम - 437
30/10/14
एम - 437
30/10/14
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