Yash Bhushan Bajaj (M-21)
चुस्कियाँ (पार्ट-4)
1. इंटरव्यू बोर्ड ने मुझसे पूछा यह बताओ
बी पी एल के दायरे में कौन लोग आते हैं
मैने कहा बी पी एल के दायरे में वो आते हैं
जिनके घर बी पी एल के उपकरण पाए जाते हैं
2. एक दिन बीवी बोली तुम ज़्यादा बात नहीं करते
बस इसी बात का मुझे बहुत है दुख
मैने कहा भागवान क्या तुम्हे पता नही
विद्वानों का कहना है कि एक चुप सौ सुख
3. जब सरकारी पैसा और समय गवाँना हो
समस्या को सुलझाना नहीं उलझाना हो
तो कमेटी और सब कमेटी बना दो
उसकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में दबा दो
यश भूषण बजाज M-21
दोराहा (लुधियाना)
13/02/15
कहो ना प्यार है
मेरी शादी 1978 में हुई थी. उन दिनों एक गाना बहुत प्रचलित था जिसके बोल हैं " मैं कहीं कवि ना बन जाऊं तेरे प्यार में ओ कविता" और संयोगवश मेरी बीवी का नाम भी कविता ही है. सब मित्र मुझ से कहते थे अब तुम तो "कवि" बन जाओगे मगर मैं कवि नहीं बन पाया लेकिन प्यार भी नहीं हुआ इसका पता मुझे 2011 में चला जब हम गोवा गये हुए थे. उस रिज़ॉर्ट में हर रोज शाम को सब को लेकर वहाँ कोई ना कोई गेम्स होती थीं. एक शाम नव विवाहित लोगों की एक गेम हुई जिसमें पति-पत्नियों से कुछ सवाल पूछे गये. आख़िरी सवाल था कि आप के पति ने आप को "आई लव यू" कब कहा था. किसी ने कहा 3 महीने पहले किसी ने कहा 6 महीने पहले. जब हम अपने कमरे की तरफ आ रहे थे तो मेरी बीवी बोली अगर मुझे यह सवाल पूछा जाता तो मैं कहती नैवर उस दिन मैनें अपनी तुकबंदी जो पहले ही बीवी को संपर्पित कर चुका हूँ आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ:-
कहो ना प्यार है
ऐसा ना कहो की मैंने कहा नहीं
ऐसा लगता हैं तुमने सुना नहीं
पहली मुलाकात से लेकर आजतक
मेरी खामोशी ने कहा एक ही सच
जिस दिन से हम दोनों मिले हैं
हाथ पकड़ साथ-साथ ही चले हैं
ज़िंदगी की शाम ये क्या हो गया
यह सवाल क्यों पैदा हो गया
अब भी यही कहना है मुझको
समझ सको अगर मेरी खामोशी को
मेरी सुबह मेरी हर शाम तुम हो
मेरे जीवन में है एक ही नाम
वो तुम ही हो बस तुम ही हो
यश भूषण बजाज
दोराहा (लुधियाना)
(M-21)
05/02/15
चुस्कियाँ (पार्ट-4)
1. इंटरव्यू बोर्ड ने मुझसे पूछा यह बताओ
बी पी एल के दायरे में कौन लोग आते हैं
मैने कहा बी पी एल के दायरे में वो आते हैं
जिनके घर बी पी एल के उपकरण पाए जाते हैं
2. एक दिन बीवी बोली तुम ज़्यादा बात नहीं करते
बस इसी बात का मुझे बहुत है दुख
मैने कहा भागवान क्या तुम्हे पता नही
विद्वानों का कहना है कि एक चुप सौ सुख
3. जब सरकारी पैसा और समय गवाँना हो
समस्या को सुलझाना नहीं उलझाना हो
तो कमेटी और सब कमेटी बना दो
उसकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में दबा दो
यश भूषण बजाज M-21
दोराहा (लुधियाना)
13/02/15
कहो ना प्यार है
मेरी शादी 1978 में हुई थी. उन दिनों एक गाना बहुत प्रचलित था जिसके बोल हैं " मैं कहीं कवि ना बन जाऊं तेरे प्यार में ओ कविता" और संयोगवश मेरी बीवी का नाम भी कविता ही है. सब मित्र मुझ से कहते थे अब तुम तो "कवि" बन जाओगे मगर मैं कवि नहीं बन पाया लेकिन प्यार भी नहीं हुआ इसका पता मुझे 2011 में चला जब हम गोवा गये हुए थे. उस रिज़ॉर्ट में हर रोज शाम को सब को लेकर वहाँ कोई ना कोई गेम्स होती थीं. एक शाम नव विवाहित लोगों की एक गेम हुई जिसमें पति-पत्नियों से कुछ सवाल पूछे गये. आख़िरी सवाल था कि आप के पति ने आप को "आई लव यू" कब कहा था. किसी ने कहा 3 महीने पहले किसी ने कहा 6 महीने पहले. जब हम अपने कमरे की तरफ आ रहे थे तो मेरी बीवी बोली अगर मुझे यह सवाल पूछा जाता तो मैं कहती नैवर उस दिन मैनें अपनी तुकबंदी जो पहले ही बीवी को संपर्पित कर चुका हूँ आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ:-
कहो ना प्यार है
ऐसा ना कहो की मैंने कहा नहीं
ऐसा लगता हैं तुमने सुना नहीं
पहली मुलाकात से लेकर आजतक
मेरी खामोशी ने कहा एक ही सच
जिस दिन से हम दोनों मिले हैं
हाथ पकड़ साथ-साथ ही चले हैं
ज़िंदगी की शाम ये क्या हो गया
यह सवाल क्यों पैदा हो गया
अब भी यही कहना है मुझको
समझ सको अगर मेरी खामोशी को
मेरी सुबह मेरी हर शाम तुम हो
मेरे जीवन में है एक ही नाम
वो तुम ही हो बस तुम ही हो
यश भूषण बजाज
दोराहा (लुधियाना)
(M-21)
05/02/15
चुस्कियाँ (पार्ट-३)
1.एक दिन मैने पूछा डॉक्टर साहिब
बड़े ब्लड प्रेशर का बताओ कोई उपाय
डॉक्टर साहिब बोले बहुत सरल है
खून दान ही ब्लड प्रेशर को घटाए
2.एक दिन किसी ने मुझे पूछा
इन मीटिंगों में क्या होता है
मैने कहा भाई मेरे ख्याल में
मीटिंग में एम साइलेंट होता है
फिर तो बस ईटिंग ही होती है
अगली मीटिंग की डेट फिक्स होती है
3. आदमी की पहली ग़लती वो करता शादी
आदमी की दूसरी ग़लती वो लेता गाड़ी
दोनों ही जिस दिन बिगड़ जाती हैं
आदमी की जेब खाली कर जाती हैं
जब बीवी मेकअप करने में लेट करवाती है
तब गाड़ी वहीं लेट होने पे मेकअप करवाती है
यश भूषण बजाज
(एम-२१)
1.एक दिन मैने पूछा डॉक्टर साहिब
बड़े ब्लड प्रेशर का बताओ कोई उपाय
डॉक्टर साहिब बोले बहुत सरल है
खून दान ही ब्लड प्रेशर को घटाए
2.एक दिन किसी ने मुझे पूछा
इन मीटिंगों में क्या होता है
मैने कहा भाई मेरे ख्याल में
मीटिंग में एम साइलेंट होता है
फिर तो बस ईटिंग ही होती है
अगली मीटिंग की डेट फिक्स होती है
3. आदमी की पहली ग़लती वो करता शादी
आदमी की दूसरी ग़लती वो लेता गाड़ी
दोनों ही जिस दिन बिगड़ जाती हैं
आदमी की जेब खाली कर जाती हैं
जब बीवी मेकअप करने में लेट करवाती है
तब गाड़ी वहीं लेट होने पे मेकअप करवाती है
यश भूषण बजाज
(एम-२१)
29/01/15
चुस्कियाँ (पार्ट-२)
भूला के सब गीता के शालोक
भूला के सब शास्त्रों के भी मंत्र
बना लिए हमने कुछ उपकरण
ढ़ूंड लिए मनोरंजन के नये यंत्र
भूला के सब गीता के शालोक
भूला के सब शास्त्रों के भी मंत्र
बना लिए हमने कुछ उपकरण
ढ़ूंड लिए मनोरंजन के नये यंत्र
सर्वप्रथम रेडियो बाज़ार में आया
फिर दूरदर्शन का ज़माना भी आया
जब से डिश का हो गया अवतार
देखने को चॅनेल हो गये हैं बेशुमार
फिर इंसान ने कंप्यूटर बना दिया
उसे अपने से भी बड़ा दर्जा दिया
यह किस्सा कुछ समझ नही आता
बनाने वाला कैसे छोटा हो जाता
फिर नया यंत्र आया मोबाइल फोन
अब तो कोई भी नहीं रहता मौन
वॉट्स अप, ट्विटर और फ़ेसबुक
हर कोई देता यहाँ अपनी नई लुक
अब आने वाला समय ही बताएगा
कौन सा नया यंत्र बाज़ार में आएगा
यश भूषण बजाज (M-21)
15/01/15
फिर दूरदर्शन का ज़माना भी आया
जब से डिश का हो गया अवतार
देखने को चॅनेल हो गये हैं बेशुमार
फिर इंसान ने कंप्यूटर बना दिया
उसे अपने से भी बड़ा दर्जा दिया
यह किस्सा कुछ समझ नही आता
बनाने वाला कैसे छोटा हो जाता
फिर नया यंत्र आया मोबाइल फोन
अब तो कोई भी नहीं रहता मौन
वॉट्स अप, ट्विटर और फ़ेसबुक
हर कोई देता यहाँ अपनी नई लुक
अब आने वाला समय ही बताएगा
कौन सा नया यंत्र बाज़ार में आएगा
यश भूषण बजाज (M-21)
15/01/15
चुस्कियाँ (Part 1)
1)गीता का संदेश बहुत ही सीधा-सीधा है
कर्म करते चलो ना करो फल की चिंता
मैं सुबह नाश्ते में ही फल खा लेता हूँ
ताकि फिर ना करनी पड़े कर्म की चिंता
2)ऑफीस में एक दिन पियन भागता आया
यह सर्क्युलर नोट करो उसने सबको बताया
मैने कहा आयातकार को सर्क्युलर बतलाता है
इसीलिए वो कभी भी मुझे समझ नहीं आता है
3) लोग कहते हैं आज महगाई बहुत बड़ गयी है
पहले पेन्सिल दस की अब बीस की आती है
मैने कहा शायद हमारी सोच बदल गयी है
अब बीस की पर एक के साथ एक फ्री आती है
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
1)गीता का संदेश बहुत ही सीधा-सीधा है
कर्म करते चलो ना करो फल की चिंता
मैं सुबह नाश्ते में ही फल खा लेता हूँ
ताकि फिर ना करनी पड़े कर्म की चिंता
2)ऑफीस में एक दिन पियन भागता आया
यह सर्क्युलर नोट करो उसने सबको बताया
मैने कहा आयातकार को सर्क्युलर बतलाता है
इसीलिए वो कभी भी मुझे समझ नहीं आता है
3) लोग कहते हैं आज महगाई बहुत बड़ गयी है
पहले पेन्सिल दस की अब बीस की आती है
मैने कहा शायद हमारी सोच बदल गयी है
अब बीस की पर एक के साथ एक फ्री आती है
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
08/01/15
नव वर्ष की बधाई
नववर्ष की आप सबको बहुत बहुत बधाई हो
आने वाला वर्ष आप सब के लिए मंगलमय हो
२०१४ तो अब जा रहा है और २०१५ आ रहा है
लेकिन कुछ भी नही बदला ऐसा नज़र आ रहा है
बीते वर्ष में सत्ता बदली पर अच्छे दिन ना आए
हालाँकि राजनेताओं ने खूब सबज़ बाग भी दिखाए
आज भी वही लूटमार वही घपले भी चल रहे हैं
ग़रीबी रेखा से नीचे वाले उसी तरह पिस रहे हैं
राज्यों में अपनी सरकारें बनाने की दौड़ लगी है
लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही तो पूरी बंद पड़ी है
खोखले आँकड़े बताने से विकास नहीं होता है
कुछ करके दिखाने से ही सब कुछ होता है
आतंक का चेहरा और भयावाह रूप ले चुका है
मासूमों का नरसंहार कर अपना संदेश दे चुका है
क़ानून और व्यवस्था भी नियंत्रण से बाहर है
बुजूर्गों का घर घर में हो रहा कम आदर है
अंतरराष्ट्रिय सम्मेलनों से क्या कुछ बदलेगा
विदेशों के दौरे लगाने से कुछ नहीं बदलेगा
बदलाव लाना है तो अपनी सोच बदलनी होगी
नहीं तो २०१६ में भी हमारी यही दशा होगी
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
नववर्ष की आप सबको बहुत बहुत बधाई हो
आने वाला वर्ष आप सब के लिए मंगलमय हो
२०१४ तो अब जा रहा है और २०१५ आ रहा है
लेकिन कुछ भी नही बदला ऐसा नज़र आ रहा है
बीते वर्ष में सत्ता बदली पर अच्छे दिन ना आए
हालाँकि राजनेताओं ने खूब सबज़ बाग भी दिखाए
आज भी वही लूटमार वही घपले भी चल रहे हैं
ग़रीबी रेखा से नीचे वाले उसी तरह पिस रहे हैं
राज्यों में अपनी सरकारें बनाने की दौड़ लगी है
लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही तो पूरी बंद पड़ी है
खोखले आँकड़े बताने से विकास नहीं होता है
कुछ करके दिखाने से ही सब कुछ होता है
आतंक का चेहरा और भयावाह रूप ले चुका है
मासूमों का नरसंहार कर अपना संदेश दे चुका है
क़ानून और व्यवस्था भी नियंत्रण से बाहर है
बुजूर्गों का घर घर में हो रहा कम आदर है
अंतरराष्ट्रिय सम्मेलनों से क्या कुछ बदलेगा
विदेशों के दौरे लगाने से कुछ नहीं बदलेगा
बदलाव लाना है तो अपनी सोच बदलनी होगी
नहीं तो २०१६ में भी हमारी यही दशा होगी
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
24/12/14
आज की ताज़ा खबर
आजकल की खबरों को सुनकर बीवी बोली
हर जगह चुनावों के बाद सरकार है बदली
अब तुम देख लेना कितना आएगा फ़र्क़
मैंनें कहा हमें क्या कोई भी आए चुनकर
देश का पहले ही हो चुका है बेड़ा गर्क़
सब इधर से उधर पार्टी बदल रहे हैं
पर इन सब के लिए अंगूर है खट्टे
यह तो हैं एक ही थैली के चट्टेट-बट्टे
फिर वो बोली अब तो वर्ल्ड कप आ रहा है
देखने को मिलेंगे फोर और सिक्सस
मैनें कहा क्रिकेट में अब क्या रखा है
सब मैच तो होते हैं पहले ही फिक्स
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
आजकल की खबरों को सुनकर बीवी बोली
हर जगह चुनावों के बाद सरकार है बदली
अब तुम देख लेना कितना आएगा फ़र्क़
मैंनें कहा हमें क्या कोई भी आए चुनकर
देश का पहले ही हो चुका है बेड़ा गर्क़
सब इधर से उधर पार्टी बदल रहे हैं
पर इन सब के लिए अंगूर है खट्टे
यह तो हैं एक ही थैली के चट्टेट-बट्टे
फिर वो बोली अब तो वर्ल्ड कप आ रहा है
देखने को मिलेंगे फोर और सिक्सस
मैनें कहा क्रिकेट में अब क्या रखा है
सब मैच तो होते हैं पहले ही फिक्स
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
06/01/15
जी डी पी (कृपया अर्थशास्त्री इसे ना पढ़े)
यू पी ए के राज में बस यही चर्चा होती रही
जी डी पी गिरकर क्यों ५% से कम होती गई
अर्थ शास्त्री जब करे जी डी पी का अध्ययन
तो वे देखता क्या है देश का सकल उत्पादन
भारत में जी डी पी का मतलब मैने समझा है
G- मेरे हिसाब से है एक (Ghotala) घोटाला
१९४७ का जीप घोटाला, नागरवाला का घोटाला
बोफोर्स , हेलिकॉप्टर्स और २ जी का घोटाला
सी डब्ल्यू जी और कोल ब्लॉक का घोटाला
D- का मतलब है भारत मे हुए (Dange) दंगे
१९८४, १९९२ ,२००२ और यू पी मे जो हुए दंगे
P का मतलब है बढती (Population) आबादी
३० करोड़ से बढ़ कर १२५ करोड़ हुई आबादी
यह सब का वृधि दर १०% से ज़्यादा होता है
तो फिर जी डी पी दर ५% से कम कैसे होता है
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
07/01/15
एक अच्छा इंसान
जब भी अकेले बैठता हूँ तो यह सोचता हूँ
मैने इस जीवन में क्या खोया क्या पाया
लेकिन फिर सोचता हूँ मैने इस जीवन में
जो बनाना चाहिए था क्या वो मैं बन पाया
जब मेरा जन्म हुआ तो मैं था एक इंसान
ना सिख, ना ईसाई ना हिंदू ना मुसलमान
हमने मन के अंदर बैठे उस खुदा को भुलाकर
खोखले अंधविश्वास और धर्म के नाम पर
करोड़ों के मंदिरों और मस्जिदों को बनवाया
उनमे पत्थर के देवी देवताओं को बसाया
लेकिन फिर खुद एक पत्थर दिल हो गये
मानवता और इनसानियत के दुश्मन हो गये
हम कहने से पहले अपनी बात कहाँ तोलते हैं
बुरा ही देखते, सुनते और बुरा ही बोलते हैं
नेताओं, धर्मात्माओं के जो बेतुके ब्यान आते हैं
वो हम सब को गंभीर रूप से घायल कर जाते हैं
स्वच्छ भारत की मुहिम क्या सफल हो पाएगी
जब तक हमारी बोली में स्वच्छता नहीं आएगी
दुख है मैने क्यों नहीं इंसानियत का धर्म अपनाया
केवल एक अच्छा इंसान मैं क्यों नहीं बन पाया
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
12/01/15
जी डी पी (कृपया अर्थशास्त्री इसे ना पढ़े)
यू पी ए के राज में बस यही चर्चा होती रही
जी डी पी गिरकर क्यों ५% से कम होती गई
अर्थ शास्त्री जब करे जी डी पी का अध्ययन
तो वे देखता क्या है देश का सकल उत्पादन
भारत में जी डी पी का मतलब मैने समझा है
G- मेरे हिसाब से है एक (Ghotala) घोटाला
१९४७ का जीप घोटाला, नागरवाला का घोटाला
बोफोर्स , हेलिकॉप्टर्स और २ जी का घोटाला
सी डब्ल्यू जी और कोल ब्लॉक का घोटाला
D- का मतलब है भारत मे हुए (Dange) दंगे
१९८४, १९९२ ,२००२ और यू पी मे जो हुए दंगे
P का मतलब है बढती (Population) आबादी
३० करोड़ से बढ़ कर १२५ करोड़ हुई आबादी
यह सब का वृधि दर १०% से ज़्यादा होता है
तो फिर जी डी पी दर ५% से कम कैसे होता है
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
07/01/15
एक अच्छा इंसान
जब भी अकेले बैठता हूँ तो यह सोचता हूँ
मैने इस जीवन में क्या खोया क्या पाया
लेकिन फिर सोचता हूँ मैने इस जीवन में
जो बनाना चाहिए था क्या वो मैं बन पाया
जब मेरा जन्म हुआ तो मैं था एक इंसान
ना सिख, ना ईसाई ना हिंदू ना मुसलमान
हमने मन के अंदर बैठे उस खुदा को भुलाकर
खोखले अंधविश्वास और धर्म के नाम पर
करोड़ों के मंदिरों और मस्जिदों को बनवाया
उनमे पत्थर के देवी देवताओं को बसाया
लेकिन फिर खुद एक पत्थर दिल हो गये
मानवता और इनसानियत के दुश्मन हो गये
हम कहने से पहले अपनी बात कहाँ तोलते हैं
बुरा ही देखते, सुनते और बुरा ही बोलते हैं
नेताओं, धर्मात्माओं के जो बेतुके ब्यान आते हैं
वो हम सब को गंभीर रूप से घायल कर जाते हैं
स्वच्छ भारत की मुहिम क्या सफल हो पाएगी
जब तक हमारी बोली में स्वच्छता नहीं आएगी
दुख है मैने क्यों नहीं इंसानियत का धर्म अपनाया
केवल एक अच्छा इंसान मैं क्यों नहीं बन पाया
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
12/01/15
कुछ दिन पहले मेरे फोन की घंटी ट्न्टनाई
फोन उठाया तो उधर से मधुर आवाज़ आई
मैं आईसीआईसीआई बॅंक से कविता बोल रही हूँ
और प्रधानमंत्री जन धन योजना के अन्तर्गत
बॅंक में सेविंग्स के नये खाते खोल रही हूँ
कृपया खाते के लिए बताइए आप अपना नाम
मैने कहा वाय बी बजाज से चलाइए काम
आप जन्म तिथि, घर का पता बता दीजिए
तथा अपनी ईमेल आई डी भी लिखवा दीजिए
मैने यह सारा विवरण इकट्ठा किया
और सारे का सारा उन्हे लिखवा दिया
फिर उसने पूछा क्या है नॉमिन्नी का नाम
मैने कहा बहुत अच्छा है लिख लो अपना नाम
वो बोली सर अपनी पत्नी का नाम बताइए
या किसी और रिश्तेदार का नॉमिन्नी बनाइए
मैने फिर कहा लिख लो अपना आप ही नाम
सर आख़िरी बार पूछ रही हूँ आपकी पत्नी का नाम
मैने कहा मेरी बीवी भी अपना नाम कविता लिखती है
इसलिये मुझे हर कविता में अपनी बीवी दिखती है
इस के बाद तो मेरा फोन डिसकनेक्ट हो गया
शायद मेरा अकाउंट ओपनिंग फॉर्म रिजेक्ट हो गया
आज भी दोनों का एक ही नाम नहीं भूल पाता
लेकिन अभी तक भी नहीं खुला बॅंक में मेरा ख़ाता
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
02/11/14
ईश्वर में अविश्वास
हवा में फैला है प्रदूषण जहाँ
साँस लेना भी मुश्किल है वहाँ
यातायात भी अव्यवसिथ्त है जहाँ
पैदल चलना भी मुश्किल है वहाँ
विद्या भी व्यापार बन गया जहाँ
विद्यार्थी का भविष्य असुरक्षित वहाँ
लालची चिकत्सक बैठे हों जहाँ
इलाज करवाना भी मुश्किल है वहाँ
गानों में राधा सेक्सी बन गयी जहाँ
अबला नारी भी नहीं सेफ वहाँ
दागी नेता संसद में बैठे जहाँ
लोकतंत्र भी है असुरक्षित वहाँ
इंसान ही खुद को बेचे जहाँ
इंसानियत भी अब बची कहाँ
ईश्वर में हो गया अविश्वास जहाँ
इसीलिए सब कुछ है अनसेफ वहाँ
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
27/10/14
केवल एक दिन
एक दिन हम गन्तन्त्र दिवस हैं मनाते
फिर ३६४ दिन लोकतत्र हैं भूल जाते
एक दिन हम स्वातंत्रता दिवस हैं मनाते
फिर ३६४ दिन हम शहीदों को भूल जाते
एक दिन हम गुरु पूर्णिमा हैं मनाते
फिर ३६४ दिन गुरु से अपनी माँगें मनवाते
एक ही दिन फादर दिवस भी है आता
फिर ३६४ दिन फ़ादर ए टी एम बनजाता
एक दिन हम मॅदर दिवस मनाते हैं
फिर ३६४ दिन उसकी ममता भूल जाते हैं
एक दिन हम डाटेर दिवस मनाते हैं
फिर ३६४ दिन उनकी भ्रूण हत्या कराते हैं
राखी और भाई दूज भी एक दिन आते
३६४ दिन भूल जाते भाई-बहन के नाते
एक ही दिन फ्रेंड्स दिवस भी है आता
३६४ दिन वो फेस बुक पर है रह जाता
आर्चीज़ और हालमार्क ने है धंधा अपनाया
सभी रिश्तों के लिए एक दिन है बनाया
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (M-21)
28/10/14
काले धन का राष्ट्रीय गान
जन गन मन जन गन मन
कौन लाएगा यह काला धन
कल उच्चन्यायलय में थी सुनवाई
जजों ने सरकार को खूब झाड़ लगाई
जब तुम नाम ही नहीं बताओगे
तो काला धन कैसे वापिस लाओगे
६५ वर्षों से ये खेल चल रहा था
जब से काला धन बाहर जा रहा था
यूपीए हो या फिर हो एनडीए
दोनो ही एक थैली के चटटे बट्टे
आप पार्टी ने भी क्या खेल दिखाया
४९ दिनों तक दिल्ली में झाड़ू लगाया
नैतिक मूल्यों का पतन हो चुका है
घोटॉलों से भी देश ऊब चुका है
यह सरकार स्वच्छ भारत तो बनाएगी
पर काले धंधों से कब मुक्त कराएगी
देश तो एक दिन स्वच्छ हो जाएगा
राजनीति में स्वच्छता कौन लाएगा
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
29/10/14
आख़िर क्यों
कौन किसी के साथ चला है
वो सब तो बस झूठे वादे थे
कुछ समय ही साथ निभाते
पर ऐसे कहाँ इरादे थे
अरमान भी ऐसे थे दिल में
देखे भी थे सुनेहरे सपने
जो आज हैं गैर कल हों अपने
क्यों होता है ऐसा जीवन में
एक कसक सी है यह मन में
क्यों टूट जाते हैं सब सपने
चलते तो हैं हम साथ साथ
फिर क्यों छूट जाते हैं हाथ
क्या सोचा था क्या हो गया
जो पाया था वो खो गया
पत्थर दिल इंसान हो गया
आँखें खोल वो सो गया
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
कौन किसी के साथ चला है
वो सब तो बस झूठे वादे थे
कुछ समय ही साथ निभाते
पर ऐसे कहाँ इरादे थे
अरमान भी ऐसे थे दिल में
देखे भी थे सुनेहरे सपने
जो आज हैं गैर कल हों अपने
क्यों होता है ऐसा जीवन में
एक कसक सी है यह मन में
क्यों टूट जाते हैं सब सपने
चलते तो हैं हम साथ साथ
फिर क्यों छूट जाते हैं हाथ
क्या सोचा था क्या हो गया
जो पाया था वो खो गया
पत्थर दिल इंसान हो गया
आँखें खोल वो सो गया
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
31/10/14
ज़िंदगी
ज़िंदगी एक खुली किताब है
जिसमें छुपे बस तीन सवाल हैं
मैं कहाँ से आया कहाँ है जाना
जानता नहीं यह सारा ज़माना
पूछता है मुझसे यह तीसरा प्रश्न
किस तरह ज़िओगे यह जीवन्
जीवन शब्द का मतलब् समझ लो
सबके लिए दिल में 'जी' तुम भर लो
हमने खाद्य पदार्थो मे "जी" लगाया
पार्ले जी का बिस्कुट अपनाया
उपकरणों में भी "ज़ी" लगाया
एलजी के उपकरणों को अपनाया
लेकिन एक दूजे को जब भी बुलाते
ओये या अबे ही हम साथ लगाते
'व" शब्द यह कहे बस मुझसे
अपने मालिक की तू वंदना करले
"न" अक्षर है मुझसे यही कहता
अपने दिल में तू भर ले नम्रता
जीवन बस व्यर्थ क्यों गँवा रहा है
स्वानसो की पूंजी क्यों लूटा रहा है
जीवन हम ऐसा जी कर जाएँ
रोते हुए आए पर हसते हुए हम जाएँ
यश भूषण बजाज (M-21)
हैदराबाद
ज़िंदगी एक खुली किताब है
जिसमें छुपे बस तीन सवाल हैं
मैं कहाँ से आया कहाँ है जाना
जानता नहीं यह सारा ज़माना
पूछता है मुझसे यह तीसरा प्रश्न
किस तरह ज़िओगे यह जीवन्
जीवन शब्द का मतलब् समझ लो
सबके लिए दिल में 'जी' तुम भर लो
हमने खाद्य पदार्थो मे "जी" लगाया
पार्ले जी का बिस्कुट अपनाया
उपकरणों में भी "ज़ी" लगाया
एलजी के उपकरणों को अपनाया
लेकिन एक दूजे को जब भी बुलाते
ओये या अबे ही हम साथ लगाते
'व" शब्द यह कहे बस मुझसे
अपने मालिक की तू वंदना करले
"न" अक्षर है मुझसे यही कहता
अपने दिल में तू भर ले नम्रता
जीवन बस व्यर्थ क्यों गँवा रहा है
स्वानसो की पूंजी क्यों लूटा रहा है
जीवन हम ऐसा जी कर जाएँ
रोते हुए आए पर हसते हुए हम जाएँ
यश भूषण बजाज (M-21)
हैदराबाद
10/11/14
मेरा भारत देश
जम्मू कश्मीर में फैला है अलगाव वाद
पंजाब को तबाह कर रहा ड्रग्स का स्वाद
हरियाणा की समस्या है परिवारवाद
दिल्ली की तो बात करना ही बेकार
यूपी एमपी बिहार और राजस्थान
हैं अव्यवस्था से बहुत ही परेशान
छतीसगढ़ में पैर पसारे आतंकवाद
झारखंड में भी है मौजूद माओवाद
कहें महाराष्ट्रा और गुजरात प्रदेश
केवल हमारा ही मॉडेल है विशेष
उत्तर पूरव का थमता नहीं झगड़ा
पूरा दक्षिण रावण की तरह अकड़ा
देश के कितने ही नेता बेईमान
केवल कुर्सी पर है उनका ध्यान
अगर अपने देश को स्वच्छ बनाना है
इसे विकसित देशों की गिनती में लाना है
तो राजनीति को साफ सुथरा बनाना होगा
ग़रीबों को उनका हक़ दिलाना होगा
महिलाओं की इज़्ज़त को बचाना होगा
योजनाओं को सही ढंग से चलाना होगा
जिस दिन यह सब हो जाएगा
उस दिन तिरंगे की बढ़ेगी शान
हम सब भी कहेंगे सीना तान
मेरा यह भारत देश है महान
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
11/11/14
ज़रा सोचिए
हम यह क्यों सोचते हैं की सरकार ने हमारे लिए क्या किया
हम यह क्यों नहीं सोचते की हमने देश के लिए क्या किया
सरकार ने यह नहीं कहा था की आबादी यूँ ही बड़ाते जाओ
बिना सोचे समझे ही बस एक दो का चार करते जाओ
आज हमारी सब समस्याओं का आबादी ही एक कारण है
ज़्यादा आबादी की वजह से ही दूषित यह वातावरण है
हम दो एक और हमारे बस दो तो एक नारा ही था
नारे को तो एक दिन नारों की बारात में खोना ही था
लेकिन राजनेताओं ने इसका का बड़ा फ़ायदा उठाया है
ह्में आपस में बाँटकर अपना राजपाट चलाया है
देश में वोटों के लिए छोटे छोटे प्रदेश बनाते चले गये
हमें भी धर्म, जाति और भाषा में बाँटते चले गये
छह दशकों में हमने सदा लक्ष्यों की पॉलिसी बनाई
फिर उन्हें पाने के लिए ग़लत नीति अपनाई
काग़ज़ों पर बस ग़लत आँकड़े दिखाते चले गये
तरक्की के नाम पर जनता को पकाते चले गये
अगर लालची राजनेताओं का चरित्र सॉफ सुथरा होता
तो आज देश का नक़्शा ऐसा नहीं कुछ और ही होता
जब तक सॉफ छवि वाले नेताओं का चुनाव नहीं होगा
तब तक हमारा देश भारत कभी स्वच्छ नहीं होगा
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
10/11/14
मेरा भारत देश
जम्मू कश्मीर में फैला है अलगाव वाद
पंजाब को तबाह कर रहा ड्रग्स का स्वाद
हरियाणा की समस्या है परिवारवाद
दिल्ली की तो बात करना ही बेकार
यूपी एमपी बिहार और राजस्थान
हैं अव्यवस्था से बहुत ही परेशान
छतीसगढ़ में पैर पसारे आतंकवाद
झारखंड में भी है मौजूद माओवाद
कहें महाराष्ट्रा और गुजरात प्रदेश
केवल हमारा ही मॉडेल है विशेष
उत्तर पूरव का थमता नहीं झगड़ा
पूरा दक्षिण रावण की तरह अकड़ा
देश के कितने ही नेता बेईमान
केवल कुर्सी पर है उनका ध्यान
अगर अपने देश को स्वच्छ बनाना है
इसे विकसित देशों की गिनती में लाना है
तो राजनीति को साफ सुथरा बनाना होगा
ग़रीबों को उनका हक़ दिलाना होगा
महिलाओं की इज़्ज़त को बचाना होगा
योजनाओं को सही ढंग से चलाना होगा
जिस दिन यह सब हो जाएगा
उस दिन तिरंगे की बढ़ेगी शान
हम सब भी कहेंगे सीना तान
मेरा यह भारत देश है महान
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
11/11/14
ज़रा सोचिए
हम यह क्यों सोचते हैं की सरकार ने हमारे लिए क्या किया
हम यह क्यों नहीं सोचते की हमने देश के लिए क्या किया
सरकार ने यह नहीं कहा था की आबादी यूँ ही बड़ाते जाओ
बिना सोचे समझे ही बस एक दो का चार करते जाओ
आज हमारी सब समस्याओं का आबादी ही एक कारण है
ज़्यादा आबादी की वजह से ही दूषित यह वातावरण है
हम दो एक और हमारे बस दो तो एक नारा ही था
नारे को तो एक दिन नारों की बारात में खोना ही था
लेकिन राजनेताओं ने इसका का बड़ा फ़ायदा उठाया है
ह्में आपस में बाँटकर अपना राजपाट चलाया है
देश में वोटों के लिए छोटे छोटे प्रदेश बनाते चले गये
हमें भी धर्म, जाति और भाषा में बाँटते चले गये
छह दशकों में हमने सदा लक्ष्यों की पॉलिसी बनाई
फिर उन्हें पाने के लिए ग़लत नीति अपनाई
काग़ज़ों पर बस ग़लत आँकड़े दिखाते चले गये
तरक्की के नाम पर जनता को पकाते चले गये
अगर लालची राजनेताओं का चरित्र सॉफ सुथरा होता
तो आज देश का नक़्शा ऐसा नहीं कुछ और ही होता
जब तक सॉफ छवि वाले नेताओं का चुनाव नहीं होगा
तब तक हमारा देश भारत कभी स्वच्छ नहीं होगा
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
10/11/14
Us ki bandagi kar
Banda ban ke jag mein aya tha
Maalik ki bandagi ke waaste
Par maya jaal mein phanskar
Chal pada tu galat raaste
Karoron ka yeh sharir yeh tera
Karoron he swaans hain mile
Par vyarth mein gawaan raha
Kar ta rahe to shikwe giley
Kabhi to yeh bhi sochta tu
Kaise dekhe sapne sach karoon
Sirf apnon ki naa soch kar
Gairon ko bhi apna karoon
Din raat dorhti duniya mein
Tu maya jaal hi bunta raha
Khud mein baithe khuda ko bhulakar
Galat raaste hi chunta raha
Jo beet gaya usey bisaar de
Apni galtiyon ko sudhar le
Aankhe band kar pal bhar baith kar
Dhyaan se ek us ke naam ka jaap kar
Thank you
Yash Bhushan Bajaj (M-21)
DORAHA (LUDHIANA)
08/05/14
Dear Friends
PYAR KI DUNIYA
Main bhi ek aatma hoon
Tu bhi to ek aatam hai
Hum sab ka maalik ek
Wo param pita parmatma hai
Hum us malik ki baat karte hain
Hum is bande ki baat karte hain
Hum baddi ki baat karte hain
Hum neki ki baat karte hain
Hum bhalai ki baat karte hain
Hum buraai ki baat karte hain
Lekin kuch der baad sab bhool kar
Kayon teri meri ki baat karte hain
Yeh zindagi ki shaam hai
Kya pata kab raat mein badal jaye
Ek saans jo ander to jaye
Lekin phir laut ke na aaye
Isliye aaj aa mil baith kar
Ek aeisi duniya basaa lein
Meri aur teri sab bhoolkar
Ek pyaar ki duniya basaa lein
THANKS
Yash Bhushan Bajaj(M-21)
DORAHA
23/04/14
Dear Friends
Ek tukbandi aajkal ke samacharon par:
Breaking News
Aajkal ki khabron ko sunkar biwi boli
Chunavon ka ellan ho chuka hai
Ab tum dekh lena kitna ayega farq
Maine kahaa koi bhi aye chunkar
Desh ka pahle hi ho gaya beda garq
Sab idhar se udhar bhaag rahe hain
Sab apne liye ticket maang rahe hain
Kyonki inhe lagte hain angoor khatte
Yeh sab hain ek hi thaili ke chatte-batte
Phir biwi boli ab to IPL bhi aa raha hai
Hum roj dekhenge kitne four and six
Maine kaha cricket mein ab kya rakha hai
Sab kuch to hota hai aajkal pehle se fix
Yash Bhushan Bajaj (M-21)
DORAHA
22/03/14
Maa sab janti hai
Five years old Son to Mother:
I love you Mom
Mom: I love you too!
Sixteen years old Son to Mother:
I love you Mom
Mom: I have no money, sorry!
Twentyfive years old Son to Mother:
I love you Mom
Mom: Kaun hai? Kahan rahti hai?
Thirtyfive years old Son to Mom:
I love you Mom
Mom: Beta pahle hi bola tha shaadi na kar!
Fortyfive years old Son to Mother
I love you Mom:
Mom: Beta main koi bhi paper sign nahi karungi!
Thanks please
Yash Bhushan Bajaj
DORAHA
21/03/14
Dear Friends
Our offices are now a days headed by RD. Similarly there is a RD at home. I have explained my experience with my 2 RDs as Under:-
Main aur mere 2 RD:-
Office mein hai ek RD
Jo rozidata hai kahlata
Ghar mein bhi hai ek RD
Jo rotidata hai kahlata
In dono RD’s ki chakki mein
Main akela pista raha hoon
Aur dono ko khush karne mein
Apne joote ghista raha hoon
Forty years ki service mein
Kabhi bhi aisa nahin hua
Ki office ke RD ne kaha ho
“Mogembo bahut khush hua”
Retirement ke baad office ke RD ki
Bilkul khatam ho gayi hai tension
Lekin ab Ghar ke RD ke saath
Main enjoy kar raha hoon Pension
Yash Bhushan Bajaj(M-21)
DORAHA
12/03/14
Ab to ghar ki RD ne kaha hoga
Pyare Mogambo Khush Huva
Bhushano se jo tum ne savar di
Parivaar, keerti aur Yash jo de di
Ghar ke bheed se door Jannat di
kyun na ab ho khush RD ghar ki
KSI - M187
12/03/14
12/03/14
GOD mein Faith
Air mein pollution ho jahaan
Saans lena bhi unsafe wahaan
Traffic par nahi control jahaan
Pedal chalna nahi safe wahaan
Vidya bhi bikti ho jahaan
Students ka future unsafe wahaan
Greedy Doctors baithe jahaan
Ilaaj karwana unsafe wahaan
Gaanon mein Radha sexy jahaan
Ablaa naari unsafe wahaan
Criminal neta Sansad mein jahaan
Loktantra bhi unsafe wahaan
GOD mein kum ho raha faith jahaan
Isiliye Sab kuch unsafe wahaan
Yash Bhushan Bajaj (M-21)
DORAHA
10/03/14
Dear Friends
In October 1978, I got married and the name of my wife is Kavita. During those days a song was very popular i.e. Main kahin kavi naa ban jaoon tere pyar mein au kavita. My friends used to tell me that now you will become kavi magar aisa ho na saka. During my posting in Guwahati, I started doing tukbandi to kill my time as I was staying in the single room and one of that I am sharing with you.
Main khayalon ko shabdon ka roop dene laga
Unhe tukbandi ki mala mein pirone laga
Main koi kavi to nahin ban paya phir bhi lekin
Chhoti chhoti lineon ko aapas mein jodne laga
Is sab ka sara credit us God ko deta hoon
God ne hi mujhe aisa humsafar hai diya
Jis ko dekhkar likhne ki koshish karta hoon
Main koi kavi to nahin ban paya phir bhi lekin
Hairaan hoon ki tukbandi bhi aisa kamaal kar rahi hai
Kyonki meri jindagi KAVITA ke saath guzar rahi hai
Thanks please
Yash Bhushan Bajaj(M-21)
Doraha
05/03/14
Har aadmi do galti karta
Har aadmi do galti karta
Jeevan bhar uski kimat bharta
Pehli galti wo leta gadi (car)
Dusari galti who karta shadi
Dono he jab bigad jati hain
Aadmi ki jeb khali kar jati hain
Par biwi jahan make up ke chakkar mein
Late karvati hai
Wohin gadi late hone per
Make up karvaati hai
Yash Bhushan Bajaj (M-21)
Chandigarh
13/05/13
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