चुस्कियाँ (पार्ट-5)
1.इंसान जैसा भी चाहे
ज़िंदगी में वैसा नहीं होता है
पर इंसान वो ही सफल रहता है
जो हर हाल में खुश रहता है
2.कठिनाइयाँ तो हर रोज़ आती हैं
चिंताओं से और भी बढ़ जाती हैं
ईश्वर पर भरोसा रखो तो
सब खुशियों मे बदल जाती हैं
3.कितने ही कल भी गुजर गये
कितने ही कल भी आएँगे
यह हम पर निर्भर करता है
हम अपना आज कैसे बिताएँगे
4. वक़्त ही इंसान को बनाता है
वक़्त ही इंसान को मिटाता है
लेकिन इंसान अपने ही अहंकार में
वक़्त की अहमियत को भूल जाता है
5 जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है
ज़िंदगी भी पल पल ढलती है
हंस कर ही जिओ ज़िंदगी को
यह एक बार ही तो मिलती है
LIFE-Life is for Enjoyment
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
23/07/15
1.इंसान जैसा भी चाहे
ज़िंदगी में वैसा नहीं होता है
पर इंसान वो ही सफल रहता है
जो हर हाल में खुश रहता है
2.कठिनाइयाँ तो हर रोज़ आती हैं
चिंताओं से और भी बढ़ जाती हैं
ईश्वर पर भरोसा रखो तो
सब खुशियों मे बदल जाती हैं
3.कितने ही कल भी गुजर गये
कितने ही कल भी आएँगे
यह हम पर निर्भर करता है
हम अपना आज कैसे बिताएँगे
4. वक़्त ही इंसान को बनाता है
वक़्त ही इंसान को मिटाता है
लेकिन इंसान अपने ही अहंकार में
वक़्त की अहमियत को भूल जाता है
5 जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है
ज़िंदगी भी पल पल ढलती है
हंस कर ही जिओ ज़िंदगी को
यह एक बार ही तो मिलती है
LIFE-Life is for Enjoyment
यश भूषण बजाज
हैदराबाद (एम-२१)
23/07/15
No comments:
Post a Comment