गज़ल
ज़िन्दगी भर किया इंतज़ार आपका
तब है जाकर मिला मुझको प्यार आपका
मैं सदा बैठ कर यूं ही देखा करूँ
ये अदाएं शबाब वो ख़ुमार आपका
ये हसीं वादियाँ खुबसूरत जहां
जैसे हर शै पे है इक्तिदार आपका
हमने सोचा था जब हम मिलें आको
चूम लें दामने खुशबूदार आपका
आज हम को मिला जैसे दुनिया का राज
जब से देखा है बढ़ता वखार आपका
ये दुआ है मेरी ऐसे हालात हों
हर समय पा सकूँ मै ये प्यार आपका
= ए. यू . शेख
20/10/15
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