Monday, May 25, 2015

S K Gupta (M-552) - "चाहतें"

"चाहतें"

जीवन का सबसे बड़ा सपना - केवल 'इंसान' बन के रहना |
जीवन की सबसे गाढ़ी कमाई - नेकी, ईमानदारी और सच्चाई | 
जीवन के सबसे अनमोल क्षण - निर्मल, निश्छल और चिंतामुक्त बचपन | 
जीवन की सबसे मधुर मुस्कान - संस्कारी बने संतान |
जीवन की सबसे प्रबल अभिलाषा - जीवन-साथी का साथ मिले हमेशा |
जीवन की सबसे महत्वपूर्व घड़ी - आपसी विश्वास और नाजुक रिश्तों की मजबूत कड़ी | 
जीवन का सबसे अनमोल खज़ाना - संकट के समय दोस्ती को निभा पाना | 
जीवन का सबसे बड़ा सुख - जाते समय न रहे "कुछ" न कर पाने का दुःख |
जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार- जीवन में कभी न मिले तिरस्कार |
जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप- जाने के बाद भी लोग कहें, चलो अच्छा हुआ आखिर कट ही गया पाप |  
जीवन की सबसे बड़ी इच्छा - जब प्राण छूटें तो यह मन से बस यही निकले कि हे ईश्वर, तेरा लाख-लाख शुक्रिया !     

एस.के.गुप्ता 
एम-552 
18/05/15

No comments:

Post a Comment